Volume : 5, Issue : 3, March - 2016
Loknayak Guru Ravidas Ji Evam Begampura ki Avadharana
Mrs Neelam
Abstract :
<p><p>&nbsp;इकà¥à¤•à¥€à¤¸à¤µà¥€à¤‚ शताबà¥à¤&vbar;ी की चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ हमें बाधà¥à¤¯ कर रही हैं कि कि हम चौà¤&vbar;हवीं शताबà¥à¤&vbar;ी के सनà¥à¤¤ गà¥à¤°à¥ रविà¤&vbar;ास के जीवन-à¤&vbar;रà¥à¤¶à¤¨,चिंतन को जाने समà¤à¥‡à¤‚ और अपने जीवन में उतारें । उनका जीवन à¤&vbar;रà¥à¤¶à¤¨ किसी भी वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को à¤à¤• बेहतर इनà¥à¤¸à¤¾à¤¨ ,à¤à¤• बेहतर नागरिक बनने की उरà¥à¤œà¤¾ पà¥à¤°à¤&vbar;ान करता है । सनà¥à¤¤ गà¥à¤°à¥ रविà¤&vbar;ास जी का चिनà¥à¤¤à¤¨ सब पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के पूरà¥à¤µà¤¾à¤—à¥à¤°à¤¹à¥‹à¤‚, सà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥à¥‹à¤‚ व संकीरà¥à¤£à¤¤à¤¾à¤“ं से मà¥à¤•à¥à¤¤ है। जिसकी वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ समय में बेहà¤&vbar; आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है। उनका चिंतन जहां à¤à¤• ओर शà¥à¤°à¤®- संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ को बढावा à¤&vbar;ेता है, वहीं à¤&vbar;ूसरी ओर धारà¥à¤®à¤¿à¤• पाखणà¥à¤¡à¥‹à¤‚ को चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¥€ à¤&vbar;ेता है । उनके जीवन à¤&vbar;रà¥à¤¶à¤¨ में समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ मानव जाति के लिठचिंता à¤à¤²à¤•à¤¤à¥€ है । उनकी बेगमपà¥à¤°à¤¾ अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ &lsquo;à¤&vbar;à¥:खहीनता, समानता और निरà¥à¤­à¤¯à¤¤à¤¾ को समेटे à¤à¤• आà¤&vbar;रà¥à¤¶ वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾&rsquo; की संकलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ अपने-आप में बेजोड़ व अनूठी है । बेगमपà¥à¤°à¤¾ गà¥à¤°à¥‚ रविà¤&vbar;ास जी के समतामूलक समाज के सà¥à¤µà¤ªà¥à¤¨ का साकार रूप है ।</p></p>
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Mrs Neelam Loknayak Guru Ravidas Ji Evam Begampura ki Avadharana Global Journal For Research Analysis, Vol: 5, Issue : 3 March 2016